Friday, January 21, 2011

कश्मीरी मुख्यमंत्री का कांग्रेसी राग

राष्ट्रीय एकता यात्रा इस समय दिल्ली को पार कर कश्मीर की तरफ बढ़ रही है और ऐसे में ओमर अब्दुल्लाह का यह कहना की ये यात्रा जम्मू और कश्मीर की शांति को भंग कर सकती है बहुत हे हास्यास्पद लग रहा है. एक तरफ तो आप ये कहते हैं की मै(ओमर) पहले हिन्दुस्तानी हूँ फिर कश्मीरी और अब आप अपने ही देशवासियों को झंडा फहराने से रोकना चाहते हैं| आज जब की आप जानते हैं की आपका कार्यकाल मुख्यमंत्री के रूप में कश्मीर के इतिहास का सबसे ख़राब कार्यकाल रहा है, ये बात पक्की है की आपने कोई ऐसा कार्य नहीं किया जिससे कश्मीर की जनता आपको याद रखें| हमारी सहानभूति हमेशा आपके साथ है पर हम यह जरूर चाहते हैं की एक अच्छी शुरुआत हो रही है जो की एक सन्देश देगी उन सभी पाकिस्तानी एजेंट्स को जो आपके राज्य में अराजकता का माहोल बनाये रखना चाहते हैं और यह भी चाहते हैं की उनकी दुकान चलती रहे| आप अपनी कब्र पहले ही बहुत गहरी खोद चुकें हैं कृपया उसे और गहरा न करें निकालने में बहुत दिक्कत होगी|

ओमर जी मेरा आपसे ये विनम्र निवेदन है की कृपया करके इस राष्ट्रहित के कार्य में अडंगा न लगाएं क्योंकि ये तो संकल्प लिया जा चूका है की तिरंगा वहां 26 जनवरी को फहराना है इसमे आप या आपकी कठपुतली सरकार युवाओं के इस सैलाब को नहीं रोक सकती| विश्वास कीजिये अगर आप अपने राज्ये की तरक्की चाहते हैं तो आप भी लाल चौक पे अनुराग जी का साथ दीजिये और "एक राष्ट्र" के नारे को भाजपा युवा मोर्चा के साथ मिल कर बुलुंद कीजये|


निलेश सिन्हा

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