Tuesday, January 25, 2011

ये कांग्रेसी तिरंगे को अपनी राजनितिक जागीर समझ रहे हैं

 ये कांग्रेसी तिरंगे को अपनी राजनितिक जागीर समझ रहे हे,बी.जे.पि को तिरंगा अवश्य फहराना चाहिए |देशद्रोह का मुकदमा चलाना चाहिएउमर अब्‍दुल्‍ला के खिलाफ तिरंगा हमारी आन, बान और शान का प्रतीक हैतिरंगा फहराने से देश का कोई नागरिक नहीं सिर्फ पृथकतावादी भड़क सकते हैं। जो यह कह रहे हैं कि तिरंगा फहराने से लोग भड़केंगे, क्या वह बता सकते हैं कि देश में तिरंगा फहराने से देश का कोई नागरिक क्यों भड़केगा।लाल् चॊक् प्रर् jandअ ज्र्रुर्र् फ्ह्र्राना चाहियऎ अब्दउला कॊ पाकिश्तान् भॆज् दॊ ज्य् हिन्द्कसमीर भारत् का अभिन्न हिस्सा हॆ और् हमॆ वहा तिरगा फहरानॆ सॆ रॊक्ना भारत् दॆश् का अपमान् हॆ दॆश् का अपमान् करनॆ वालॆ कॊ दॆश् सॆ बाहर निकाल् दॆना चाहिऎ जय् जवान्जय् किसान् ज‌य् हिन्द् जय् भारत्क्या वोट बैंक के लिये इतना गिर गई हैं सरकारक्या स्यासत देश की आन से ज्यादा बड़ी हैं?देश में तिरंगा फहराने से रोकने वालों पर देशद्रोह का मुकदमा चलान चाहिए। और लाल चौक पर क्या देश हरेक घर में तिरंगा फहराने चाहिएतिरंगा पुरे हिंदुस्तान के शान की बात है | भारत के किसी भी कोने इसे फहराने से रोकना देशद्रोह है लेकिन बड़े दुर्भाग्य की बात है की कुछ नेता इसका विरोध कर रहे है लेकिन केंद्र की अंधी सरकार उनका समर्थन कर रही | बड़ा शर्म आता है की किस देश में हम रहते है जहाँ हम राष्ट्रिय सम्मान को नहीं बचा पा रहे हैआजाद भारत में तिरंगा फहराने पर रोक गलत हैदेशद्रोह का मुकदमा चलाना चाहिए उमर अब्‍दुल्‍ला के खिलाफ तिरंगा हमारी आन, बान और शान का प्रतीक हैजय भारतकल कॊ उमर् अब्दुला कहॆगॆ कि दिल्ली मॆ झन्दा मत् फह्रयॊ कह्श्मितर् मॆ अशन्ती गि . फिर् कहॆङॆ कश्मिर् कॊ पकिस्तन् मॆ दॆ दॊ नहि तॊ कश्मीर् मॆ अशान्ति फालॆगीकाग्रॆस भारत की नही विदॆशियॊ की है,काग्रॆसी कुत्तॊ का जमीर मर चुका है,हम् अपनॆ दॆश् मॆ तिरगा नहि लगा सकतॆ बहुत् अफ्सॊस् कि बात् हैह्जाऱो सेनीको की शहादत् के बाद् यदी हम् वहा पऱ् हमाऱा प्याऱा तीऱगा नही फह्ऱा सकते तो धिक्काऱ् हे हम् पऱ् ‍‍‍==आखिऱ् क्यो हमाऱे सेनीको ने Pऱाणो की आहूती दी.तिरगा झन्दा पुरॆ भारत मॆ कही पर भी फहरा सकतॆ है और श्रीनगर तॊ भारत का ही हिस्सा हैतिरंगा को नहीं फहराने देना शर्मनाक है।अत्याचारी ने आज पुनः ललकारा, अन्यायी का चलता है, दमन-दुधारा। आँखों के आगे सत्य मिटा जाता है, भारतमाता का शीश कटा जाता है॥ क्या पुनः देश टुकड़ों में बँट जाएगा? क्या सबका शोणित पानी बन जाएगा? कब तक दानव की माया चलने देंगे? कब तक भस्मासुर को हम छलने देंगे? कब तक जम्मू को यों ही जलने देंगे? कब तक जुल्मों की मदिरा ढलने देंगे? चुपचाप सहेंगे कब तक लाठी गोली? कब तक खेलेंगे दुश्मन खूं से होली? प्रहलाद परीक्षा की बेला अब आई, होलिका बनी देखो अब्दुल्लाशाही। माँ-बहनों का अपमान सहेंगे कब तक? भोले पांडव चुपचाप रहेंगे कब तक? आखिर सहने की भी सीमा होती है, सागर के उर में भी ज्वाला सोती है। मलयानिल कभी बवंडर बन ही जाता, भोले शिव का तीसरा नेत्र खुल जाता॥ जिनको जन-धन से मोह प्राण से ममता, वे दूर रहें अब ' पान्चजन्य ' है बजता| जो विमुख युद्ध से, हठी क्रूर, कादर है, रणभेरी सुन कम्पित जिन के अंतर हैं | वे दूर रहे, चूड़ियाँ पहन घर बैठें, बहनें थूकें, माताएं कान उमेठें जो मानसिंह के वंशज सम्मुख आयें, फिर एक बार घर में ही आग लगाएं|तिरङा दॆश की शान है,सरकार कॊ चाहिऎ कि इसॆ शान्तिपूर्वक‌ फहरानॆ मॆ मदद करॆ.जब पाक अधिक्रत कश्मीर् मॆ पाकिस्तान अपना झण्डा फ‌हराता हे तॊ भारत अपनॆ काश्मीर मॆ झण्डा क्यॊ नही फहरा सकता?कश्मीर भारत का अभिन्न अग हे ओर यॆ बात सभी कॊ समझलॆनी चाहियॆ ओर अगर कश्मीर मॆ भरत का झण्डा नही फ‌हरता तॊ इस सॆ बड कर ओर शर्मनाक बात ऒर् क्या हॊ सकति हे जय हिन्द

0 comments:

Post a Comment